सोशल मीडिया पर ₹500 के नोट को लेकर कई तरह की अफवाहें तेजी से फैल रही हैं। एक वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि मार्च 2026 तक ₹500 का नोट बंद कर दिया जाएगा और बैंकों को इसे धीरे-धीरे एटीएम से हटाने का निर्देश दिया गया है। इन खबरों ने लोगों के मन में फिर से 2016 की नोटबंदी जैसी चिंता पैदा कर दी है। लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) दोनों ने इस खबर को पूरी तरह झूठा बताया है।
सच में ₹500 का नोट बंद होने वाला है?
वायरल वीडियो और पोस्ट में यह दावा किया गया है कि आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 2025 तक ₹500 के नोट को एटीएम से निकालना बंद कर दें और 2026 तक यह नोट अमान्य हो जाएगा। लेकिन PIB Fact Check ने इस दावे को तुरंत खारिज कर दिया है। एजेंसी ने अपने आधिकारिक X (Twitter) अकाउंट पर कहा है।
RBI ने क्या कहा?
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि ₹500 के नोटों की छपाई या वितरण को रोकने की कोई योजना नहीं है। वर्तमान में यह नोट भारत में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले नोटों में से एक है। छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यापारिक लेनदेन तक, यह नोट रोज़मर्रा के जीवन का अहम हिस्सा है।
छोटे मूल्यवर्ग के नोटों पर RBI की नई गाइडलाइन
हालांकि, अप्रैल 2025 में RBI ने बैंकों को एक दिशा-निर्देश जारी किया था कि एटीएम से ₹100 और ₹200 के नोटों की उपलब्धता बढ़ाई जाए ताकि ग्राहकों को छोटे लेनदेन में आसानी हो। इसमें यह कहा गया था कि —
30 अक्टूबर 2025 तक कम से कम 75% एटीएम में ₹100 के नोट दिए जाएं।
31 मार्च 2026 तक यह कवरेज 90% तक पहुंचाया जाए।
ध्यान रहे कि यह निर्देश केवल छोटे मूल्यवर्ग के नोटों की उपलब्धता बढ़ाने से संबंधित है, इसका ₹500 के नोटों को बंद करने से कोई संबंध नहीं है।
अफवाहें कैसे फैलीं?
एक यूट्यूब चैनल और कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स ने दावा किया कि ₹500 का नोट धीरे-धीरे बाजार से हटाया जा रहा है। इन पोस्ट्स में एटीएम प्रतिशत और तारीखों का भी ज़िक्र था, जिससे लोगों में भ्रम फैल गया। 2016 की नोटबंदी की यादें ताज़ा होने के कारण लोगों ने इन दावों पर यकीन करना शुरू कर दिया। लेकिन अब PIB और RBI दोनों ने साफ कहा है कि ऐसी कोई योजना नहीं है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी आरबीआई और PIB द्वारा जारी आधिकारिक बयानों पर आधारित है। ₹500 के नोट को बंद करने को लेकर फिलहाल कोई घोषणा नहीं की गई है। किसी भी वायरल खबर पर विश्वास करने से पहले हमेशा प्रमाणित सरकारी स्रोतों से जानकारी जांच लें।
