भारत में खेती को केवल आजीविका नहीं, बल्कि जीवन शैली और परंपरा का हिस्सा माना जाता है। लेकिन पिछले कुछ दशकों में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अधिक उपयोग ने मिट्टी की गुणवत्ता, जल स्रोतों और पर्यावरण पर गंभीर असर डाला है। इसी चुनौती से निपटने और किसानों को टिकाऊ खेती के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने परम्परागत कृषि विकास योजना शुरू की है। यह योजना किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करने के साथ-साथ वित्तीय सहयोग भी प्रदान करती है ताकि किसान कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली फसल उगा सकें।
परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) क्या है?
PKVY एक राष्ट्रीय स्तर की योजना है जिसे पूरे देश में लागू किया गया है। इस योजना के तहत किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे वे रासायनिक खेती से हटकर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे सकें।
कितनी मिलेगी सहायता राशि?
सरकार किसानों को तीन वर्षों में प्रति हेक्टेयर ₹31,500 की आर्थिक मदद दे रही है। इसमें से ₹15,000 की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाती है। बाकी राशि का उपयोग किसानों को जैविक बीज, खाद, बायो-पेस्टिसाइड और अन्य आवश्यक सामग्रियों की खरीद के लिए किया जाता है।
किन किसानों को मिलेगा लाभ?
इस योजना का विशेष फोकस लघु और सीमांत किसानों पर है। ऐसे किसान जो छोटी भूमि पर खेती करते हैं और जैविक खेती शुरू करना चाहते हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। इससे वे कम लागत में पर्यावरण के अनुकूल और लाभदायक खेती कर सकते हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों के लिए MOVCDNER योजना
पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों के लिए केंद्र सरकार ने Mission Organic Value Chain Development for North Eastern Region (MOVCDNER) योजना लागू की है। इस योजना में किसानों को तीन वर्षों में ₹46,500 प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है। इसमें से ₹15,000 DBT के जरिए किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर किए जाते हैं। साथ ही ₹32,500 जैविक खेती से संबंधित इनपुट्स के लिए प्रदान किए जाते हैं।
आवेदन कैसे करें?
अगर आप भी जैविक खेती शुरू करना चाहते हैं और इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी कृषि विभाग या जिला कृषि अधिकारी कार्यालय से संपर्क करें। वहां आपको आवेदन प्रक्रिया, पात्रता और आवश्यक दस्तावेजों की पूरी जानकारी मिलेगी।
डिस्क्लेमर : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। योजना से संबंधित किसी भी प्रकार के आधिकारिक अपडेट या बदलाव की जानकारी के लिए कृपया भारत सरकार के कृषि मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट या अपने स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।
