देश के करोड़ों कर्मचारियों के लिए सरकार की ओर से एक बड़ी खुशखबरी आई है। अब ईपीएफओ (EPFO) यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। पहले जहां किसी कर्मचारी को पेंशन का लाभ पाने के लिए कम से कम 10 साल की निरंतर नौकरी करनी पड़ती थी, वहीं अब इस शर्त को खत्म करने की तैयारी की जा रही है। सरकार के नए प्रस्ताव के तहत अगर किसी व्यक्ति ने केवल 1 महीने तक भी नौकरी की है, तो उसे भी EPS (Employee Pension Scheme) के तहत पेंशन का अधिकार मिल सकता है।
अब क्या है नया नियम?
ईपीएफओ और श्रम मंत्रालय की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया है कि पेंशन के लिए न्यूनतम 10 साल की सर्विस की शर्त को खत्म किया जाए। इसके बजाय हर कर्मचारी को उसके कार्यकाल के हिसाब से पेंशन की पात्रता दी जाएगी। यानी अगर किसी कर्मचारी ने केवल 1 महीना या कुछ महीनों तक ही काम किया है, तो भी उसे उसके योगदान के अनुसार पेंशन का हक मिलेगा।
पेंशन की गणना कैसे होगी?
नए नियम के तहत पेंशन की गणना कर्मचारी के योगदान और सर्विस अवधि के आधार पर की जाएगी। जितना अधिक कर्मचारी ईपीएफ में योगदान देगा, उतनी अधिक पेंशन राशि उसे मिलेगी। अब तक यह सुविधा केवल 10 साल पूरे करने वालों को दी जाती थी, लेकिन नए सिस्टम में सभी को समान अवसर मिलेगा।
किसे मिलेगा फायदा?
इस नियम से खासकर प्राइवेट सेक्टर और अस्थायी कर्मचारियों को बड़ा फायदा होगा। अक्सर छोटे उद्योगों, फैक्ट्रियों और सर्विस सेक्टर में काम करने वाले लोग 10 साल की नौकरी पूरी नहीं कर पाते और उनकी पेंशन राशि बेकार चली जाती थी। लेकिन अब वे भी पेंशन का लाभ उठा सकेंगे।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
केंद्रीय श्रम मंत्रालय का लक्ष्य है कि देश में हर कर्मचारी को उसकी सेवा अवधि के अनुसार सामाजिक सुरक्षा (Social Security) प्रदान की जाए। इसी के तहत ईपीएफओ ने इस परिवर्तन का प्रस्ताव रखा है ताकि कोई भी कर्मचारी पेंशन सुविधा से वंचित न रहे। सरकार का मानना है कि इससे श्रमिकों का भरोसा बढ़ेगा और भविष्य में वे औपचारिक रोजगार को प्राथमिकता देंगे।
कब से लागू होंगे नए नियम?
सूत्रों के मुताबिक, ईपीएफओ इस बदलाव को वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत में लागू करने की दिशा में काम कर रहा है। फिलहाल इस प्रस्ताव पर समीक्षा चल रही है और जल्द ही इसका आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।जैसे ही नया नियम लागू होगा, देशभर में लाखों कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी सूत्रों पर आधारित है। नीतियों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं, इसलिए आधिकारिक अधिसूचना जारी होने के बाद ही अंतिम निर्णय मानें।
