देशभर के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए हाल ही में आई खबर ने चिंता बढ़ा दी है। शिक्षा विभाग ने नए आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि अब कार्य में लापरवाही, उपस्थिति में गड़बड़ी या समयपालन में कमी पाए जाने पर संबंधित शिक्षकों की सैलरी में कटौती की जाएगी। यह आदेश विभागीय अनुशासन बनाए रखने और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से जारी किया गया है। पिछले कुछ महीनों से कई जिलों से शिक्षकों की देरी से उपस्थिति, स्कूल समय से पहले छोड़ने और अध्यापन कार्य में उदासीनता की शिकायतें मिल रही थीं। ऐसे में विभाग ने अब सख्त रवैया अपनाने का निर्णय लिया है ताकि बच्चों की पढ़ाई पर किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
शिक्षा विभाग का नया आदेश
शिक्षा विभाग द्वारा जारी नए सर्कुलर के अनुसार, जिन शिक्षकों की उपस्थिति रिकॉर्ड में गड़बड़ी पाई जाएगी या जो बिना उचित कारण अनुपस्थित रहेंगे, उनकी सैलरी से कटौती की जाएगी। यह निर्णय विभागीय अधिकारियों की निरीक्षण रिपोर्ट और स्कूल उपस्थिति रजिस्टर के आधार पर लिया जाएगा। साथ ही, जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के सभी सरकारी स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग करें और अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें।
वेतन कटौती की प्रक्रिया
नई गाइडलाइन के अनुसार, अगर किसी शिक्षक की अनुपस्थिति तीन दिनों से अधिक पाई जाती है और उसके पास कोई ठोस कारण नहीं है, तो संबंधित स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) रिपोर्ट तैयार कर जिला शिक्षा अधिकारी को भेजेगी। इसके बाद अधिकारी जांच कर पुष्टि करेंगे और फिर सैलरी में आवश्यक कटौती की जाएगी।
शिक्षकों की प्रतिक्रिया
वहीं, शिक्षकों के संगठनों ने इस आदेश को लेकर अपनी मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ शिक्षकों का कहना है कि सैलरी कटौती का फैसला कठोर है और इससे मनोबल पर असर पड़ेगा, जबकि कुछ ने इसे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जरूरी कदम बताया है। कई जिलों में शिक्षक संघ इस पर समीक्षा बैठक भी करने की तैयारी में हैं।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और विभागीय आदेशों के विश्लेषण पर आधारित है। किसी भी आधिकारिक निर्णय या आदेश के लिए संबंधित शिक्षा विभाग की वेबसाइट देखें।
