महंगाई के बढ़ते दौर में हर आम आदमी की जेब पर बोझ लगातार बढ़ रहा है। घर का किराया, सब्ज़ी, दूध, बच्चों की फीस और पेट्रोल-डीजल जैसे खर्चों ने महीने के बजट को हिला दिया है। ऐसे समय में केंद्र सरकार की तरफ से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। जुलाई 2025 में महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है, जिससे करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी में इज़ाफा होगा।
महंगाई भत्ता (DA) क्या होता है?
महंगाई भत्ता यानी Dearness Allowance (DA) वह राशि होती है जो सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को बढ़ती महंगाई के असर को कम करने के लिए देती है। जैसे-जैसे बाज़ार में कीमतें बढ़ती हैं, वैसे-वैसे सैलरी का असली मूल्य घटता जाता है। इस असर को संतुलित करने के लिए हर 6 महीने में DA में संशोधन किया जाता है। एक बार जनवरी में और दूसरी बार जुलाई में।
अक्टूबर 2025 में कितना बढ़ सकता है DA?
जनवरी 2025 में कर्मचारियों को 55% महंगाई भत्ता दिया जा रहा था। अब CPI-IW (Consumer Price Index for Industrial Workers) के नए आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2025 में DA में 3% से 4% तक की बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। यानी कुल DA अब 58% या 59% तक पहुंच सकता है। इस बढ़ोतरी से न केवल सैलरी में सुधार होगा बल्कि अन्य भत्तों जैसे HRA पर भी असर पड़ेगा।
बढ़े हुए DA से कितनी सैलरी बढ़ेगी?
मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹35,000 है।
वर्तमान में 55% DA के अनुसार, उसे ₹19,250 मिल रहे हैं।
अगर DA 58% हो जाता है, तो यह ₹20,300 हो जाएगा यानी ₹1,050 की बढ़ोतरी।
और अगर DA 59% हुआ, तो ₹20,650 मिलेंगे यानी ₹1,400 की अतिरिक्त आमदनी।
यह राशि भले छोटी लगे, लेकिन हर महीने के हिसाब से यह घरेलू बजट में अच्छी राहत देती है।
बढ़ा हुआ DA कब से लागू होगा?
आमतौर पर सरकार जुलाई वाले DA की घोषणा अगस्त या सितंबर में करती है, लेकिन इसे प्रभावी जुलाई से ही माना जाता है। इसका मतलब यह है कि कर्मचारियों को अगली सैलरी में जुलाई का एरियर (बकाया राशि) भी एक साथ मिलेगा यानी दो महीने का फायदा एक साथ।
8वें वेतन आयोग के तहत आखिरी बढ़ोतरी
यह बढ़ोतरी खास इसलिए भी है क्योंकि यह 8वें वेतन आयोग के तहत आखिरी बार होगी। उम्मीद है कि जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) लागू किया जाएगा, जिसमें सैलरी, भत्ते और पेंशन की गणना का नया ढांचा तैयार होगा।
सरकार DA क्यों बढ़ाती है?
महंगाई के असर को कम करने के अलावा, सरकार DA इसलिए भी बढ़ाती है ताकि लोगों की क्रय शक्ति (purchasing power) बढ़े। जब कर्मचारियों की आमदनी बढ़ती है, तो वे अधिक खर्च करते हैं। इससे बाजार में मांग बढ़ती है, व्यापार को रफ्तार मिलती है और अर्थव्यवस्था में सकारात्मक गति आती है। इसलिए DA बढ़ोतरी केवल एक वित्तीय राहत नहीं, बल्कि आर्थिक नीति का भी हिस्सा है।
डिस्क्लेमर: यह लेख वर्तमान CPI-IW आंकड़ों और संभावनाओं के आधार पर तैयार किया गया है। अंतिम निर्णय सरकार की आधिकारिक अधिसूचना के बाद ही मान्य होगा। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले आधिकारिक सूचना की पुष्टि अवश्य करें।
