DAP Urea Subsidy Update 2025 : खेती-किसानी के लिहाज से सबसे अहम माना जाता है। इस समय खरीफ फसलों की बढ़वार तेज़ होती है और उन्हें अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। ऐसे में उर्वरकों की मांग में भारी इजाफा देखने को मिलता है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है अब डीएपी और यूरिया खाद का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा, जिससे किसानों को किसी तरह की कमी का सामना न करना पड़े।
केंद्र सरकार ने दी अतिरिक्त खाद की मंजूरी
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और कृषि मंत्री रामविचार नेताम की पहल के बाद केंद्र सरकार ने खाद आपूर्ति में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगाई गई। बैठक के दौरान बताया गया कि खरीफ सीजन में निर्धारित मात्रा से कहीं अधिक खाद की जरूरत है। इसे देखते हुए केंद्र ने 50-50 हजार मीट्रिक टन अतिरिक्त डीएपी और यूरिया आवंटित करने का फैसला लिया।
अब तक की खाद आपूर्ति स्थिति
जुलाई तक राज्य को यूरिया की 5.99 लाख मीट्रिक टन और डीएपी की 2.68 लाख मीट्रिक टन आपूर्ति निर्धारित थी। हालांकि, अब तक यूरिया की 4.63 लाख मीट्रिक टन और डीएपी की 1.61 लाख मीट्रिक टन ही प्राप्त हो पाई थी। अगस्त में अतिरिक्त मांग को देखते हुए सरकार ने 50-50 हजार मीट्रिक टन की नई खेप भेजने की स्वीकृति दी है, जिससे किसानों को अब पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध होगी।
खरीफ सीजन की वितरण योजना
वर्ष 2025 के खरीफ सीजन के लिए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को कुल 7.12 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.10 लाख मीट्रिक टन डीएपी, और 60 हजार मीट्रिक टन एमओपी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा था। वहीं 11 अगस्त तक राज्य में 6.72 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.14 लाख मीट्रिक टन डीएपी, और 80 हजार मीट्रिक टन एमओपी का भंडारण किया जा चुका है, जिससे वितरण सुचारू रूप से जारी रहेगा।
वैकल्पिक उर्वरकों से भी होगी पूर्ति
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खाद की संभावित कमी को रोकने के लिए सरकार ने एनपीके और एसएसपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का भी पर्याप्त भंडारण किया है। जहां एनपीके का लक्ष्य 1.80 लाख मीट्रिक टन था, वहीं अब 2.37 लाख मीट्रिक टन स्टॉक तैयार रखा गया है। इसी तरह एसएसपी का लक्ष्य 2 लाख मीट्रिक टन तय किया गया था, लेकिन वर्तमान में 2.95 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध है। इससे किसानों को संतुलित पोषक तत्वों वाली खाद बिना किसी रुकावट के मिलती रहेगी।
किसानों के लिए राहत का मौसम
इस निर्णय से लाखों किसानों को राहत मिलेगी, जो अब तक खाद की कमी को लेकर चिंतित थे। केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयास से न केवल फसलों की उपज बढ़ेगी, बल्कि कृषि उत्पादन में भी स्थिरता आएगी। किसानों को अब डीएपी और यूरिया जैसी खाद मुफ्त या रियायती दरों पर आसानी से उपलब्ध होंगी, जिससे खेती की लागत में कमी और लाभ में बढ़ोतरी होगी।
Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारी सरकारी एवं मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है। किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक सूचना स्रोत या कृषि विभाग से पुष्टि अवश्य करें।
