देशभर के फैंटेसी गेम प्रेमियों के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ी राहत की खबर आई है। लंबे समय से कानूनी विवादों और राज्यों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बीच अब अदालत ने साफ कहा है कि Dream11, MPL, My11Circle और अन्य फैंटेसी गेमिंग ऐप्स को दोबारा शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। यह फैसला लाखों यूज़र्स के लिए उम्मीद की किरण लेकर आया है, जो पिछले कई महीनों से अपने पसंदीदा प्लेटफॉर्म के बंद होने से निराश थे।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
अपने हालिया आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि फैंटेसी गेम्स “स्किल बेस्ड गेम्स” (Skill-Based Games) की श्रेणी में आते हैं, न कि जुए (Gambling) में। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई खेल खिलाड़ी की रणनीति, अनुभव और निर्णय क्षमता पर निर्भर करता है, तो उसे गैरकानूनी नहीं माना जा सकता। यह फैसला उन राज्यों के लिए भी एक दिशा तय करता है, जिन्होंने अब तक ऐसे ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। कोर्ट का यह आदेश अब देशभर में एक समान नीति लागू करने की राह प्रशस्त करेगा।
Dream11 और अन्य ऐप्स कब से शुरू होंगे?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि Dream11 और इसी श्रेणी के सभी ऐप्स 30 अक्टूबर 2025 से (संभावित) अपनी सेवाएं फिर से शुरू कर सकते हैं। हालांकि, कंपनियों को पारदर्शिता और उपयोगकर्ता सुरक्षा के लिए कड़े नियमों का पालन करना होगा। Dream11 ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि वह अपने यूज़र्स के लिए एक “सुरक्षित और जिम्मेदार गेमिंग अनुभव” प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
खिलाड़ियों को क्या लाभ होगा?
Dream11 और अन्य फैंटेसी प्लेटफॉर्म्स के दोबारा शुरू होने के बाद करोड़ों खिलाड़ियों को एक बार फिर से टीम बनाकर खेलना और जीतने का मौका मिलेगा। यूज़र्स को बोनस, टूर्नामेंट ऑफर और कैश प्राइज जैसी सुविधाएं फिर से उपलब्ध होंगी। नई नीति के तहत सभी ट्रांजेक्शन अब टैक्स नियमों और सरकारी निगरानी में होंगे, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित होगी। इससे खिलाड़ियों को भरोसा रहेगा कि उनका पैसा और डेटा पूरी तरह सुरक्षित हैं।
कंपनियों के लिए क्या शर्तें रखी गईं?
कोर्ट ने साफ कहा है कि किसी भी ऐप को जुए या बेटिंग से जुड़े विज्ञापन दिखाने की अनुमति नहीं होगी।
साथ ही,
- हर यूज़र की KYC प्रक्रिया अनिवार्य होगी।
- सभी भुगतान और गेमिंग लेन-देन सरकारी रेगुलेटरी सिस्टम के तहत मॉनिटर किए जाएंगे।
- कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके गेम केवल मनोरंजन और स्किल डेवलपमेंट के उद्देश्य से हों।
सरकार की नई भूमिका
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह जल्द से जल्द एक राष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग नीति (National Online Gaming Policy) तैयार करे। इस नीति में स्पष्ट किया जाएगा कि कौन से गेम्स “स्किल-बेस्ड” होंगे और किन्हें “गैंबलिंग” की श्रेणी में रखा जाएगा। इससे हर राज्य में एक जैसी गाइडलाइन लागू होगी और उद्योग को कानूनी स्थिरता मिलेगी।
गेमिंग इंडस्ट्री में नई रौनक
जैसे ही यह खबर आई, गेमिंग सेक्टर में फिर से उत्साह लौट आया। निवेशक और यूज़र्स दोनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। मार्केट रिपोर्ट्स के अनुसार, आने वाले महीनों में भारत की फैंटेसी गेमिंग इंडस्ट्री में तेज़ी से निवेश बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को आने वाले वर्षों में एशिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन गेमिंग हब बना सकता है।
Disclaimer : यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सामग्री किसी भी प्रकार की कानूनी सलाह नहीं है। कृपया किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक स्रोतों या सरकारी वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें।
