भारत सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए ई-श्रम कार्ड योजना शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य उन लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना है जो किसी औपचारिक संस्था में काम नहीं करते। चाहे वे रिक्शा चालक हों, निर्माण मजदूर, घरेलू कामगार या कृषि श्रमिक, सभी को एक डिजिटल पहचान मिलती है। इस पहचान से सरकार यह जान पाती है कि कौन-कौन असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं और भविष्य में उन्हें कौन सी योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है।
ई-श्रम कार्ड कैसे बनता है
ई-श्रम कार्ड बनवाने की प्रक्रिया बहुत आसान रखी गई है ताकि कोई भी व्यक्ति आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सके। श्रमिकों को बस अपना आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर चाहिए होता है। ये सभी दस्तावेज लेकर वे नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या जन सेवा केंद्र पर जा सकते हैं। वहां ई-श्रम पोर्टल पर उनकी जानकारी भरी जाती है और उन्हें एक 12 अंकों का यूनिक ई-श्रम कार्ड नंबर दिया जाता है। यही कार्ड आगे चलकर सरकारी योजनाओं का प्रवेश द्वार बनता है।
ई-श्रम कार्ड योजना के लाभ
इस योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों को कई सुविधाएं मिलती हैं। सबसे प्रमुख लाभ है ₹2 लाख का दुर्घटना बीमा, जो किसी भी अप्रत्याशित घटना में श्रमिक या उसके परिवार की आर्थिक मदद करता है। इसके अलावा, भविष्य में आने वाली योजनाओं जैसे पेंशन योजना, मातृत्व सहायता या स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों में भी ई-श्रम कार्ड धारकों को प्राथमिकता दी जाती है।
सोशल मीडिया पर वायरल ₹5000 की खबर
हाल के दिनों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक संदेश तेजी से फैल रहा है जिसमें कहा गया है कि ई-श्रम कार्ड धारकों को सरकार की ओर से ₹5000 की सहायता राशि दी जा रही है। यह खबर इतनी वायरल हुई कि लाखों लोगों ने इसे सच मान लिया। बहुत से श्रमिक अपने बैंक खातों में पैसे आने का इंतज़ार करने लगे और कई जगहों पर भ्रम की स्थिति बन गई।
सरकार ने क्या कहा
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इस वायरल दावे को पूरी तरह से गलत बताया है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में साफ कहा गया है कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है जिसमें ई-श्रम कार्ड धारकों को ₹5000 की आर्थिक मदद दी जा रही हो। लोगों से अपील की गई है कि वे इस तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें और केवल आधिकारिक वेबसाइट या सरकारी सूचना स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें।
असली उद्देश्य क्या है
ई-श्रम कार्ड का असली उद्देश्य आर्थिक सहायता देना नहीं बल्कि असंगठित श्रमिकों का डेटाबेस तैयार करना है। इस डेटाबेस के माध्यम से सरकार भविष्य में योजनाओं को सही व्यक्ति तक पहुंचा सकेगी। उदाहरण के तौर पर, जब किसी श्रमिक के पास यह कार्ड होगा, तो वह आगे आने वाली योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना या बीमा योजनाओं का लाभ आसानी से उठा सकेगा।
₹5000 की खबर से सावधान रहें
यदि कोई व्यक्ति या एजेंसी आपसे ई-श्रम कार्ड के नाम पर पैसे मांगता है या कहता है कि ₹5000 का लाभ पाने के लिए शुल्क जमा करना होगा, तो समझ लीजिए यह धोखाधड़ी है। ई-श्रम कार्ड रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से मुफ्त है और सरकार इसके लिए किसी प्रकार की फीस नहीं लेती। ऐसे किसी संदेश या लिंक पर क्लिक करने से बचें और कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
ई-श्रम कार्ड का भविष्य
सरकार आने वाले समय में इस कार्ड के माध्यम से और कई नई सुविधाएं जोड़ सकती है। जिन लोगों ने पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, वे जल्द ही करा लें क्योंकि भविष्य में जब भी कोई नई योजना आएगी, तो उसका लाभ सबसे पहले ई-श्रम कार्ड धारकों को मिलेगा। यही वजह है कि इसे मजदूरों के लिए एक लंबी अवधि का पहचान पत्र कहा जा सकता है।
डिस्क्लेमर : इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न सरकारी स्रोतों, रिपोर्टों और आधिकारिक वक्तव्यों पर आधारित है। सरकार समय-समय पर योजनाओं में बदलाव कर सकती है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी वित्तीय या आधिकारिक निर्णय से पहले संबंधित सरकारी वेबसाइट या विभाग से जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
