भारतीय रेलवे लाखों यात्रियों की जीवनरेखा है, लेकिन ट्रेनों में एक समस्या लंबे समय से लोगों को परेशान करती रही है टॉयलेट की सफाई और बदबू की दिक्कत। कई बार यात्रियों को गंदगी और दुर्गंध के कारण सफर में असुविधा होती है। लेकिन अब रेलवे ने इस समस्या का स्थायी समाधान खोज निकाला है। हाल ही में लागू किए गए Railway New Rules के तहत रेलवे ने एक ऐसा “जुगाड़” लगाया है, जो टॉयलेट की सफाई को पूरी तरह ऑटोमैटिक बना देगा। यह नया सिस्टम न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यात्रियों को एक साफ-सुथरा और आरामदायक सफर भी सुनिश्चित करेगा।
रेलवे का नया जबदस्त जुगाड़?
रेलवे ने अब अपने कोचों में ऑटो-क्लीनिंग सिस्टम लगाया है। इस तकनीक के तहत हर बार जब कोई यात्री टॉयलेट का इस्तेमाल करेगा, तो सिस्टम अपने आप पानी और क्लीनिंग सॉल्यूशन से टॉयलेट को धो देगा। इससे टॉयलेट लगातार साफ रहेंगे और दुर्गंध की समस्या खत्म हो जाएगी।
आधुनिक तकनीक से पर्यावरण की सुरक्षा
इस नए सिस्टम में इस्तेमाल होने वाला क्लीनिंग सॉल्यूशन बायोडिग्रेडेबल (पर्यावरण-हितैषी) है। इसका मतलब यह है कि इससे पानी और मिट्टी को कोई नुकसान नहीं होगा। साथ ही, वेस्ट मैनेजमेंट के लिए रेलवे ने बायो-टॉयलेट्स में अपग्रेड भी किया है, जिससे गंदगी सीधे ट्रीटमेंट टैंक में जाती है और बाहर कोई प्रदूषण नहीं फैलता।
यात्रियों को क्या मिलेगा फायदा
इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा यात्रियों को होगा। अब ट्रेनों में दुर्गंध नहीं आएगी, टॉयलेट हमेशा साफ रहेंगे और बदबू या गंदगी की वजह से होने वाली शिकायतें काफी कम हो जाएंगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इससे यात्रियों के अनुभव में भारी सुधार देखने को मिलेगा, खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों में।
किन ट्रेनों में शुरू हुआ यह सिस्टम
शुरुआत में यह नया ऑटो-क्लीनिंग सिस्टम राजधानी, शताब्दी और वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों में लगाया जा रहा है। अगले चरण में इसे धीरे-धीरे मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा। रेलवे का लक्ष्य है कि अगले दो वर्षों में सभी प्रमुख ट्रेनों में यह सुविधा शुरू हो जाए।
रेलवे स्टेशनों पर भी क्लीनिंग मिशन
रेलवे केवल ट्रेनों में ही नहीं, बल्कि स्टेशनों पर भी सफाई को लेकर नई पहल कर रहा है। स्टेशन परिसर में ऑटोमैटिक फ्लोर क्लीनिंग मशीनें और वेस्ट सेग्रीगेशन यूनिट्स लगाई जा रही हैं ताकि पूरे नेटवर्क को ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के अनुरूप रखा जा सके।
Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारी भारतीय रेलवे द्वारा हाल ही में जारी किए गए नियमों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी बदलाव या आधिकारिक अपडेट के लिए भारतीय रेलवे की वेबसाइट अवश्य देखें।