भारत में हर परिवार का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो। इस सपने को पूरा करने के लिए ज्यादातर लोग होम लोन लेते हैं। लेकिन आजकल एक बात बहुत चर्चा में है क्या प्रॉपर्टी पत्नी के नाम पर लेने से लोन सस्ता मिलता है? कई बैंक और सरकारी योजनाएं इस दिशा में महिलाओं को प्रोत्साहित करती हैं ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त बनें। लेकिन इस पूरी कहानी में कुछ कड़वी सच्चाई भी छिपी है जिसे जानना बेहद जरूरी है।
पत्नी के नाम पर लोन सस्ता क्यों?
कई बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां महिलाओं को “Women Borrower Benefits” के तहत लोन पर ब्याज दर में 0.05% से 0.1% तक की छूट देती हैं। इसका उद्देश्य महिलाओं को प्रॉपर्टी ओनर बनने के लिए प्रोत्साहित करना है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी पुरुष को 8.60% ब्याज दर पर लोन मिल रहा है, तो वही लोन उसकी पत्नी के नाम पर 8.50% या 8.55% पर मिल सकता है।
क्या सिर्फ नाम जोड़ने से फायदा मिलेगा?
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आप केवल कागज़ों पर पत्नी का नाम “Co-owner” के रूप में जोड़ते हैं, लेकिन वह Co-borrower यानी संयुक्त ऋण लेने वाली नहीं हैं, तो आपको ब्याज में कोई राहत नहीं मिलेगी। बैंक के लिए जरूरी होता है कि महिला लोन की सह-आवेदक हो, यानी EMI चुकाने की जिम्मेदारी उसकी भी हो। सिर्फ नाम जुड़ाने से टैक्स या ब्याज में फायदा नहीं मिलता।
टैक्स छूट का भी हो सकता है लाभ
अगर पति और पत्नी दोनों लोन के joint borrowers हैं और दोनों अपने-अपने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं, तो वे Principal और Interest दोनों पर टैक्स बेनिफिट अलग-अलग क्लेम कर सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि परिवार को कुल मिलाकर टैक्स छूट की रकम दोगुनी हो सकती है। लेकिन यह लाभ तभी मिलेगा जब दोनों EMI में हिस्सेदारी निभा रहे हों और प्रॉपर्टी में दोनों के नाम हो।
किन बैंकों में मिलती है ऐसी सुविधा?
भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एचडीएफसी (HDFC), आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस जैसी बड़ी संस्थाएं महिला ग्राहकों को ब्याज दर में हल्की छूट देती हैं। लेकिन यह छूट loan eligibility, CIBIL score, और income proof पर निर्भर करती है। अगर पत्नी की आय स्थिर नहीं है या उनकी उम्र ज्यादा है, तो बैंक छूट देने से मना भी कर सकता है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई बातें सामान्य वित्तीय समझ पर आधारित हैं। किसी भी निवेश या लोन से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से राय अवश्य लें।
